सुहागिले ! सुहागिले !
जिंदगी का खेल भी शतरंज की बिसाख पर है बिछा पड़ा जिंदगी का खेल भी शतरंज की बिसाख पर है बिछा पड़ा
शैतानी देख कहती, खाना अब न दूँगी तुझे, फिर मार मार के माँ का खिलाना अच्छा लगता है. शैतानी देख कहती, खाना अब न दूँगी तुझे, फिर मार मार के माँ का खिलाना अच्छा लगता ह...
मिल जाएं अगर तुमसे बेहतर चंद लम्हों में आशिक बदलता है। मिल जाएं अगर तुमसे बेहतर चंद लम्हों में आशिक बदलता है।
उसने कहा आप बड़ा सुंदर लिखते हो,मैं बोला क्या करे? उसने कहा आप बड़ा सुंदर लिखते हो,मैं बोला क्या करे?
उपरोक्त कविता में एक लड़की और एक तिल्ली की तुलना की गई है। मेरा यह मनना है कि कहीं ना कही एक लड़की और ... उपरोक्त कविता में एक लड़की और एक तिल्ली की तुलना की गई है। मेरा यह मनना है कि कही...